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इन्टरनेट क्या है ?

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                 इन्टरनेट  की  जानकारी 

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 दोस्तों आज कल हम अपनी छोटी से छोटी चीजो या हमारे  काम हम मशीनों का उपयोग लगातार करते जा रहे है क्योकि मशीने हमारा काम आशानी   से कर देती  है और  बिना किसी नुक्सान के जिससे हमारा समय बचता है और  हम उस समय का उपयोग किसी अन्य काम को करने में लगा  लेते है मानव जाति का समय बहुत उपयोगी है और इस समय को बचाने  की दौड़ में कई मशीने निरंतर काम कर रही है और इन मशीनों में कंप्यूटर सबसे प्रथम स्थान पर है    आज का युग कंप्यूटर का युग है और कंप्यूटर का  उपयोग आज  के युग में बुतायत मात्रा में हो रहा है चाहे  गवर्मेन्ट सेक्टर     हो या प्राइवेट सेक्टर  हो कंप्यूटर  तो हर जगह   उपयोगी हो  गया    है जिससे कंप्यूटर का युग  बहुत जल्दी तरक्की कर रहा है ! कंप्यूटर की तरक्की में प्रमुख हाथ इन्टरनेट का है तो इन्टरनेट क्या है ? आज हम जानेगे -:

कंप्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा है शिक्षा से लेकर वैज्ञानिक अनुसन्धान और छोटी सी मशीन से लेकर सेटेलाइट तक को कंप्यूटर से कण्ट्रोल किया जा रहा  है मनुष्य के रोजमर्रा के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े  काम में कंप्यूटर कही न कही किसी  न किसी  रूप में अपना योगदान  दे रहा पर अगर हम ये कहे की इन्टरनेट है  ही नहीं तो  फिर कंप्यूटर का विकास और उपयोग सीमित होकर रह जाएगा कंप्यूटर को आज  के युग में विकास करने में इन्टरनेट का बहुत बड़ा योगदान है अब यह  इन्टरनेट होता क्या है यह प्रशन उठता है तो दोस्तों  आज हम इसी बात पर चर्चा करने वाले है ही इन्टरनेट क्या होता है ,और यह केसे बना था तथा इसका विकास कैसे हुआ और इसके फाउंडर कौन है और इस्क्का इतिहास क्या है तथा  यह  हम  तक कैसे पंहुचा पाता है  ?


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इन्टरनेट क्या होता है ?

इन्टरनेट का पूरा नाम interconnected network है और यह एक विश्वव्यापी  कंप्यूटर नेटवर्क है यह पूरे विश्व में एक जाल के रूप में फैला हुआ है जो  समुद्र से सेटेलाइट और सेटेलाइट से जमीन से आपस में जुडा हुआ है अगर हम इसके विकसित करने वाले की बात  करे तो उसका नाम डॉक्टर विन्टन जी सर्फ़ है इन्टरनेट TCP /IP के द्वारा विभिन्न कंप्यूटर में सम्बन्ध स्थापित करके सूचनाओं का आदान प्रदान करता है  इन्टरनेट पर कई  प्रकार की या हम यु कहे की सभी प्रकार की  सूचनायें स्टोर होती है और होती भी रहती है और यह सुचनाय जिस कंप्यूटर में स्टोर होती है उनको सर्वर कहते है जिसको हम www वर्ल्ड वाइड वेब  के नाम से जानते है इन्टरनेट अपने उपयोग कर्ताओ  के लिए सेवा  प्रदान करने का काम करता है  इसकी मदद से इन्टरनेट यूजर एक स्थान पर रहकर ही पूरे विश्व की जानकारी   एकत्रित कर सकता है और कही भी दूर बैठे मित्र या संबंधी से बात कर सकता है और डिजिटल माध्यम से मिल भी सकता है उसे देख सकता है  !

इन्टरनेट की खोज कैसे हुई ?

इन्टरनेट की खोज किस देश में हुई इसके लिए अमेरिका का नाम लेना सही होगा क्योकि इन्टरनेट की शुरुआत ही अमेरिका  के रक्षा मंत्रालय के एक उद्देश्य कंप्यूटरो को आपस में जोड़ने  को पूरा करने के लिए की गयी थी पर उस समय इसे इन्टरनेट के नाम से नहीं जाना जाता था और यह सामान्य या यूं कहे की रक्षा मंत्रालय के आलावा किसी और  के लिए इन्टरनेट  नही था यह अमेरिका के रक्षा मंत्रालय  DARPA (defense  advanced research  projects) ने एक प्रोजेक्ट बनाया जिसका उद्देश्य यह था की एक  एसा नेटवर्क बनाना जो युद्ध के समय सूचनाओं को गोपनीय तरीके से सटीक व्यक्ति तक पंहुचा पाए और DARPA(defense  advanced research  projects) का यह प्रोजेक्ट अपने उद्देश्य तह पहुचने में सफल रहा DARPA का यह प्रोजेक्ट इतना सफल रहा की वह इस प्रोजेक्ट पर  कार्य करने के लिए उत्साहित होने लगे उनके इस प्रोजेक्ट ने अपार सफलता हासिल की यही से इन्टरनेट  ने जन्म लिया !

इन्टरनेट का इतिहास क्या है ?

इसका इतिहास काफी साल पुराना है इसकी शुरुआत 29 अक्टूबर 1962 में  मानी जाती है DARPA के प्रोजेक्ट की अपार सफलता के बाद कंप्यूटर नेटवर्क बन चूका था और DARPA ने कंप्यूटर नेटवर्क पर रिसर्च शुरू कर दी और research के करीब  छ: साल बाद स्टैण्डर्ड रिसर्च इंस्टिट्यूट  और  कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय  के बीच  21 नबम्बर 1969 में पहला नेटवर्क बनाया गया जिसे ARPANET का लिंक कहा गया

5 दिसंबर तक इस प्रोजेक्ट के और चार नोड्स को इनस्टॉल कर दिया गया जिसका होस्ट  सॉफ्टवेयर RFC1  था ARPANET का उपयोग आज भी इन्टरनेट प्रोटोकॉल में किया जाता है फिर ARPANET को नेशनल साइंस फाउंडेशन नेटवर्क से लिंक किया गया लिंक होने के बाद इन्टरनेट शब्द का प्रयोग और अधिक होने लगा जिसका प्रयोग उस नेटवर्क के लिए किया जाता था जो TCP/IP का प्रयोग करता था इन्टरनेट  शब्द का प्रयोग क्स्न्स (XEROX NETWORK SYSTEM) संधर्भ में किया गया  था नार्वे में पहला नेटवर्क कनेक्शन स्थापित किया जो अमेरिका से बाहर था जो  सन 1973 में हुआ 1988 तक इसे मुख्य कंप्यूटरो और वर्कस्टेशनो में इनस्टॉल कर  दिया गया और फिर एशिया में इन्टरनेट प्रारंभ हुआ फिर इन्टरनेट भारत आया !

इन्टरनेट कैसे काम करता है ?

इन्टरनेट को हिंदी में अंतरजाल कहते है यह अंतरजाल पूरी दुनिया में फैला हुआ है जमीन से लेकर समुद्र और समुद्र से सेटेलाइट तक इसका जाल बना हुआ है इस जाल में मुख्य भूमिका केबल्स निभाती है ये केबल्स समुद्र में बिछायी जाती है ये केबल्स एक देश के सर्वर को दुसरे देश के सर्वर से  जोडती  है इन केबलो को फाइबर ऑप्टिक केबल कहते है  इन्ही केबल्स के द्वारा हमारा डेटा एक स्थान से द्दुसरे  स्थान तक ट्रान्सफर होता है इन केबलो को समुद्र में करीब 8 किलोमीटर गहराई में बिछाया जाता है जो कम्पनी केबल्स बिछने का काम करती है उनको TEAR -1  कम्पनी कहते है TEAR -1 कंपनियों में TATA COMMUNICATION का नाम ज्यादा प्रचलित है हर देश में केबल्स के लेंडिंग पॉइंट होते है जैसे इंडिया में केबल्स का सबसे बड़ा लेंडिंग पॉइंट मुंबई में है !

लेंडिंग पॉइंट से इन्टरनेट ले जाने का काम TEAR-2 कंपनियों का होता है जैसे एयरटेल , आईडिया,रिलायंस आदि TEAR-2 कंपनिया  केबल्स को लेंडिंग पॉइंट से उस देश के सभी स्थानों तक ले जाती है और टावरो से कनेक्ट करती है इस प्रकार इन्टरनेट वायरलेस से सिग्नलों के द्वारा हमारे मोबाइल तक पहुचता है !

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