नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले है नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है ? यह क्वेश्चन जिस भी एग्जाम है कंप्यूटर से रिलेटेड प्रश्न आते है उसके लिए बहुत ही उपयोगी है
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तो आज का हमारा टॉपिक है नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है ? यह कैसे कम करती है तथा इसका उपयोग क्यों किया जाता है ?
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तो दोस्तों आइए शुरू करते है की नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है यह एक नेटवर्क बनाने की तकनीक है इसे हम नेटवर्क का फिजिकल स्ट्रेक्चर कहते है अथार्थ यह नेटवर्क बनाने की भोगोलिक सरचना है इसके द्वारा कई कंप्यूटर को एक साथ जोड़ा जाता है ! आइए जाने यह कितने प्रकार की होती है –
नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार
बस टोपोलॉजी – इस प्रकार की टोपोलॉजी एक सीमित स्थान में जैसे की एक कमरा या एक बिल्डिंग के लिए होती है इसमें कई कंप्यूटर एक लम्बी केवल से जुड़े होते है तथा केबल के दोनों साइड टर्मिनेटर लगे होते है इससे हमें कम्युनिकेशन गति तेज मिलती है इसे लीनियर टोपोलॉजी भी कहते है क्योकि यह एक रेखा में आगे को ओर बढती है !
लाभ –
- इस प्रकार की टोपोलॉजी में यदि हमें एक और कंप्यूटर जोड़ना है तो हम उसे आसानी से जोड़ सकते है और हमें कोई कंप्यूटर नेटवर्क से निकलना है तो हम आसानी से निकल सकते है !
- इस प्रकार का सेटअप स्थापित करना सस्ता पड़ता है !
स्टार टोपोलॉजी – इस प्रकार की टोपोलॉजी एक कंप्यूटर प्रमुख होता है सर्वर या हब कहते है और उसमे point-to-point कनेकशन होता है इसी हब से अन्य कंप्यूटर को एक्सेस दिया जाता है इसमें कंप्यूटर सीधे हब से जुड़ा होता है इसलिए कम्युनिकेशन में कोई दिक्कत नही आती है ! इस प्रकार के नेटवर्क में यदि एक कंप्यूटर ख़राब होता है तो पूरा नेटवर्क बाधित नही होता और यदि हब ख़राब होता है तो पूरा का पूरा नेटवर्क बंद हो जाता है ! और इस प्रकार की टोपोलॉजी स्थापित करने में महँगी होती है !
लाभ –
- यदि हमें कोई नया कनेक्शन बनाना है तो इस प्रकार की टोपोलॉजी में कंप्यूटर को सीधे हब से जोड़ते है इसलिए लागत बहुत कम आती है
- इसमें कोई नया कंप्यूटर सीधे हब से जुड़ता है इसलिए सूचना के आदान-प्रदान की गति में कोई कमी नहीं आती है
रिंग टोपोलॉजी – इस प्रकार की टोपोलॉजी में कंप्यूटर नेटवर्क में जुड़ने के बाद पूरा नेटवर्क एक रिंग यानि अंगूठी की आक्रती बनता है क्योकि इस प्रकार की टोपोलॉजी में कोई भी हब या सर्वर नही होता है इसमें एक कंप्यूटर से दूसरा कंप्यूटर तथा दुसरे कंप्यूटर से तीसरा कंप्यूटर जोड़ा जाता है और फिर अंतिम कंप्यूटर से पहला कंप्यूटर जोड़ दिया जाता है और एक सर्किल बन जाता है !
- इस प्रकार की टोपोलॉजी में यदि कोई एक कंप्यूटर खाराब हो जाता है तो पूरा का पूरा नेटवर्क बंद हो जाता है
- यदि कोई नया कनेक्शन स्थापित करते है तब भी पूरा नेटवर्क बाधित होता है
मैश टोपोलॉजी – यह टोपोलॉजी बनाने कठिन होती है क्योकि इसमें जितने भी कंप्यूटर नेटवर्क में जोड़ते है उतने ही वायर हर कंप्यूटर में जुड़ते है जैसे की हमने नेटवर्क में अगर 10 कंप्यूटर जोड़े है तो प्रत्येक कंप्यूटर से 10 वायर जाएगे अथार्त प्रत्येक कंप्यूटर सीधे सभी कंप्यूटर से जुड़ा होता है
लाभ –
- इस प्रकार की टोपोलॉजी की नेटवर्क व्यवस्था सबसे अच्छी होती है
- नेटवर्क में जुड़े किसी भी कंप्यूटर को सीधे हटा देने से नेटवर्क बाधित नही होता है !
ट्री टोपोलॉजी – इस प्रकार की टोपोलॉजी में जब नेटवर्क बन कर तैयार हो जाता है तो देखने में उसकी आक्रति एक पेड़ के समान दिखता है इसमें एक कंप्यूटर से दूसरा कंप्यूटर तथा दुसरे कंप्यूटर से तीसरा कंप्यूटर जुडा होता है पर पहला कंप्यूटर कभी भी अंतिम कंप्यूटर से नही जोड़ा जाता है !
लाभ –
- इस प्रकार की टोपोलॉजी में नेटवर्क को यदि हमें और आगे बढाना है तो हम बहुत आसानी से आगे बढा सकते है

मेरा नाम गजेन्द्र माहौर है और मै Allhindi.net वेबसाइट का Founder & Author हूँ मै भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले का निवासी हूँ और मैंने अपनी ग्रेजुएशन जीवाजी यूनिवर्सिटी से Complete की है और में पढाई में Govt Industrial Training Institute,Gwalior is situated in Gwalior Madhya Pradesh से ITI रहा हूँ मुझे टेक्नोलॉजी से जुडी बाते करना और और लिखना अच्छा लगता है