नमस्कार दोस्तों आज हम मौर्य वंश के बारे में बात करेगे हमने पिछले आर्टिकल में चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में पड़ा था तो आज हम उसके उत्तराधिकारी बिन्दुसार और बिन्दुसार के उत्तराधिकारी सम्राट अशोक के बारे में चर्चा करेगे ?
मौर्य वंश |
मगध |
महाजनपदो के बारे में |
बिन्दुसार
चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद मौर्य वंश का उत्तराधिकारी बिन्दुसार हुआ यूनानी लेखको ने इसका नाम अमित्रोचेटस बताया है कही-कही इसे अमित्र घाट भी कहा जाता है इसका उत्तराधिकारी सम्राट अशोक हुआ इसके शासन काल में तक्षशिला में दो प्रमुख विद्रोह हुए थे इन विद्रोह के प्रभाव को कम करने के लिए बिदुसार में सुसीम को भेजा था फिर बाद में अशोक को भेजा था यह आजीवक संप्रदाय का अनुयायी था मखली पुत्र गौसाल ने आजीवक संप्रदाय की स्थापना की की थी
सम्राट अशोक
सम्राट अशोक में मौर्य वंश में 273 से लेकर 232 ई.पू. तक शसक की गद्द्दी पर रहा पर शासक बन्ने के लिए अशोक को बहुत संघर्ष करना पड़ा उसे उत्तराधिकारी बनाने के लिए चार वर्षो तक युद्ध करना पड़ा संघर्ष में उसको अपने 99 भाइयो की हत्या करनी पड़ी हत्या करने के बाद 269 ई.पू. में में अशोक का राज्यभिषेक हुआ पुराणों में अशोक को अशोकवर्धन कहा गया है और अभिलेखों में अशोक को देवनामप्रिय और प्रियदशी काहा जाता है
अशोक ने श्री नगर को बसाया था और नेपाल में देवदत्त नगर की स्थापना की थी अशोक ने विदिशा के सेठ की पुत्री महादेवी से विवाह किया वैसे तो अशोक की चार पत्निया थी महादेवी ,असंगामित्रा ,कारुवकी,त्रिसरसा
अशोक को पुत्र महेंद्र और पुत्री संगमित्रा पत्नी महादेवी की संतान थी और पत्नी असंगामित्रा का पुत्र कल्हण था
अशोक ने शिलालेखों का निर्माण करवाया था जो निम्न है
- पहला शिलालेख जिसमे अशोक ने पशु की बलि देने की निंदा की है
- दूसरा शिलालेख जिसमे अशोक ने चाहे वह पशु हो या मानव दोनों के लिए चिकित्सा व्यवस्था के बारे में बताया है
- तीसरा शिलालेख जिसमे सम्राट अशोक ने धार्मिक नियमो के बारे जानकारी दी है
- चौथा शिलालेख इसमें अशोक ने भेरिघोष के स्थान पर धम्म्घोष की आज्ञा दी
- पांचवा शिलालेख धर्म महामत्रो के विषय में
- छठा शिलालेख आत्म नियंत्रण का ज्ञान
- सातवा और आठवा शिलालेख अशोक की धार्मिक यात्राओं को वर्णन
- नौवा शिष्टाचार के बारे में
- दसवा शिलालेख प्रजा के हित के बारे में जानकारी
- ग्यारवा शिलालेख धम्म के बारे में बताया है
- बाहरवा शिलालेख स्त्री महापात्रो की नियुक्ति
- तेरहवा कलिंग युद्ध का विषय
- चौदहवा शिलालेख धार्मिक जीवन की और जाने के लिए कहा
अशोक के द्वारा स्थापित किये जाये स्तंभलेखो की बारे में
- प्रयाग – कौशाम्बी
- दिल्ली टोपरा – टोपरा
- दिल्ली मेरठ – मेरठ
- रामपुरवा – चंपारण बिहार
- लौरिया अरेराज – चंपारण बिहार
- लौरिया नन्दनगढ़ – चंपारण बिहार

मेरा नाम गजेन्द्र माहौर है और मै Allhindi.net वेबसाइट का Founder & Author हूँ मै भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले का निवासी हूँ और मैंने अपनी ग्रेजुएशन जीवाजी यूनिवर्सिटी से Complete की है और में पढाई में Govt Industrial Training Institute,Gwalior is situated in Gwalior Madhya Pradesh से ITI रहा हूँ मुझे टेक्नोलॉजी से जुडी बाते करना और और लिखना अच्छा लगता है