धर्म ग्रन्थ में चार वेद है
यजुर्वेद |
ऋग्वेद – यह चारो ग्रंथो में से सबसे पुराना तथा पहला ग्रन्थ है जो लगभग 3500 साल पुराना है और सनातन धर्म का आरम्भिक स्त्रोत है जो 10 मंडलों में विभाजित है और 1028 सूक्त है और गायत्री मंत्र इसी वेद से लिया गया है असतो मा सद गमया शब्द भी इसी वेद से लिया गया है इसमें सबसे ज्यादा सिंध नदी का वर्णन किया गया है इसके अनुसार सबसे पवित्र नदी सरस्वती है इससे आर्यों के राजनैतिक स्वभाव के बारे में जानकारी मिलती है ! साथ ही इसमें इन्द्र और अग्नि के बारे में भी बताया गया है

सामवेद – यह वेद संगीत से जुड़ा हुआ है इसे संगीत का जनक भी कहते है संगीत शास्त्र का सबसे पुराना ग्रन्थ है इसमें 75 सूक्तो को छोड़कर सभी सूक्त ऋग्वेद से लिए है सूर्य की स्तुति के मंत्र भी यही से प्राप्त हुए है सरस्वती नदी आरम्भ और अंत के बारे में भी बताया गया है इसमें कुल 1875 मंत्र है और आज इसकी केवल तीन शाखाए है राणायनीय शाखा , कौथुमीयशाखा ,जैमिनीय शाखा
यजुर्वेद – यह वेद एसा वेद है जो गघ्दऔर पघ्द दोनों में है और इसमें 3928 ऋचाए है तथा इसमें यह बताया गया है की ब्रह्माण कैसी बना और तत्वों के बारे में जानकारी दी गई है इसके अंदर शुक्ल और कृष्ण दो शाखाए है इसी ग्रन्थ में 16 संस्कारो का वर्णन किया गया है जिसमे स्त्री और पुरुष धर्म के बारे में बताया गया है 16 संस्कारो का वर्णन वैज्ञानिक तरीको से किया गया है
अथर्ववेद – इस ग्रन्थ के अंदर शक्तियों के बारे में बताया गया है तंत्र-मंत्र ,जादू-टोना वशीकरण का अधिक वर्णन है इसमें अंधविश्वास को भी बताया गया है जैसी यह ग्रन्थ कन्या के जन्म की निंदा करता है यह ग्रन्थ सबसे बाद में आया था !
वेदों के रचनाकार वेदव्यास को मन गया है

मेरा नाम गजेन्द्र माहौर है और मै Allhindi.net वेबसाइट का Founder & Author हूँ मै भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले का निवासी हूँ और मैंने अपनी ग्रेजुएशन जीवाजी यूनिवर्सिटी से Complete की है और में पढाई में Govt Industrial Training Institute,Gwalior is situated in Gwalior Madhya Pradesh से ITI रहा हूँ मुझे टेक्नोलॉजी से जुडी बाते करना और और लिखना अच्छा लगता है