दोस्तों आज हम बात करने वाले है वैदिक सभ्यता के बारे में की वैदक सभ्यता क्या है तथा इतिहास में क्या महत्त्व रखता है दोस्तों इस आर्टिकल के द्वारा हमने कॉम्पटीशन एग्जाम में वैदिक सभ्यता से जुडे सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को लिया है यह भारतीय इतिहास का छोटा और इम्पोर्टेन्ट टॉपिक है यह हमें यह बताता है की प्राचीन में हमारी सभ्यता कैसी थी ?
सिन्धु सभ्यता /हडप्पा सभ्यता क्या है ? |
वेद कौन-कौन से है ? |
वैदिक सभ्यता क्या है ?
दोस्तों हडप्पा सभ्यता के बाद कई वर्षो बाद एक और सभ्यता देखने को मिली जिसे वैदिक सभ्यता नाम दिया गया यह सभ्यता ग्रामीण सभ्यता थी आश्चर्य की बात तो यह है की दोस्तों हमारे देश में हड़प्पा सभ्यता के रूप में नगरीय सभ्यता थी फिर वैदिक सभ्यता के रूप में ग्रामीण सभ्यता आयी मतलब सभ्यताओ का क्रम उल्टा हो गया पहले शहरी फिर ग्रामीण लेकिन वास्तविकता यही है जब तक हड़प्पा सभ्यता का पता नही था तब तक वैदिक सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यता थी
पर दोस्तों आज हम केबल वैदिक सभ्यता की बात करेगे इसे वैदिक सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योकि इसकी जानकारी वेदों से प्राप्त होती है और यह उस समय की सभ्यता है जब वेदों की रचना का कार्य चल रहा था इसलिए इसे वैदिक काल कहा गया और इस सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहा गया यह सभ्यता को दो भागो में बांटा गया है
पूर्व वैदिक काल या ऋग्वैदिक काल (1500-1000 BC)
उत्तर वैदिक काल (1000-600 BC)
वैदिक सभ्यता के जनक आर्यों को माना जाता है मक्स्मुलर का मत है की आर्य मध्य एशिया से आये थे और भी कई मत है की आर्य तिब्बत से आये पर मक्स्मुलर का मत मान्य है आर्यों को श्रेष्ठ पुरुष कहा जाता था तथा इनकी भाषा संस्कत थी इनके द्वारा विकसित सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहा गया यहाँ का समाज चार भागो में बंटा था
ब्राह्मण ,वैश्य ,क्षत्रिय ,शुद्र था आर्यों का प्रमुख व्यवसाय पशुपालन और कृषि था इनका पसंदीदा पशु घोडा तथा प्रिय देवता इंद्र थे आर्यों ने लोहा धातु की खोज की और यहाँ के लोग अग्नि की पूजा करते थे
वैदिक सभ्यता की सबसे पवित्र नदी सरस्वती थी और यहाँ पर नदियों को अन्य नाम से जाना जाता था
- सरस्वती नदी को – नदीतमा
- काबुल नदी को – कुम्भा
- सतलुज नदी को – शुशुद्री
- व्यास नदी को – विपाशा
- गंडक नदी को – सदानीरा
- चिनाव नदी को – अस्किनी
- सिन्धु नदी को – सिन्धु (सबसे ज्यादा उल्लेख मिला )
- झेलम नदी को – वितस्ता
यहाँ प्रितप्रधान समाज था परिवार का मुखिया पिता होता था जिसे कुल पति कहते थे और यहाँ के लोग कबीलों में रहते थे कबीलों का नेतत्व एक व्यक्ति करता था जिसे राजन कहते थे और युद्ध के लिए गविष्टि शब्द का उपयोग होता था जिसका अर्थ गायो की खोज करना था

मेरा नाम गजेन्द्र माहौर है और मै Allhindi.net वेबसाइट का Founder & Author हूँ मै भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले का निवासी हूँ और मैंने अपनी ग्रेजुएशन जीवाजी यूनिवर्सिटी से Complete की है और में पढाई में Govt Industrial Training Institute,Gwalior is situated in Gwalior Madhya Pradesh से ITI रहा हूँ मुझे टेक्नोलॉजी से जुडी बाते करना और और लिखना अच्छा लगता है