सिन्धु सभ्यता /हडप्पा सभ्यता क्या है ?

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दोस्तों आज  हम  बात  करने वाले   है  सिधु घाटी सभ्यता /हडप्पा सभ्यता के  बारे  में  यह टोपिक इतिहास में प्रमुख है किसी भी एग्जाम में इतिहास से सम्बंधित प्रश्न सिन्धु सभ्यता  से आते है यह  टॉपिक  छोटा  होने  के  साथ-साथ महत्वपूर्ण भी है इस  आर्टिकल  में  हमने  पूरी  सिन्धु  सभ्यता  से  जो अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रश्न बनते है कवर किये है 


वेद कौन-कौन से है ?
मोहनजोदाड़ो

सिधु घाटी सभ्यता हड़प्पा सभ्यता (2500-1750 कार्बन C-14 के द्वारा ) 

जैसा की दोस्तों हम जानते है पुरे विश्व की प्राचीन सभ्यताओ में से सिन्धु घाटी सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यता है इसे हडप्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है हडप्पा एक गाँव है  जो की आज पंजाब में है हडप्पा सभ्यता से हमें यह पता चलता है कि हमारी सभ्यता प्राचीन में कितनी विकसित थी जो यह आज भी पूरा विश्व मानता है 

यह सभ्यत कुछ इस प्रकार थी की जब यह सभ्यता चल रही थी तब किसी प्राकर्तिक आपदा के कारण यह सभ्यता यानि की शहर जमीन में समां गए फिर कई वर्षो बाद रायबहादुर दयाराम साहनी के नेतत्व में जब इस जगह की खुदाई की गई 

खुदाई करने का विचार जब आया जब वहा के लोग घर बनाने के लिए इटे हड़प्पा की जमीन से निकला करते थे जब १९५३ रेलवे ट्रेक बिछाने का कार्य चल रहा था तो सामन के लिए हडप्पा में खुदाई की गयी यतो वहा से आश्चर्य जनक परिणाम मिले उनको पुआ का पूरा शहर जमीन में दवा हुआ  मिला फिर उस जगह को सील  कर दिया  और वहा पर किसी का भी आना – जाना बंद कर दिया और वहा पर खुदाई का काम करना शुरू कर दिया क्खुदै के समय वहा पर उनको 1500 से अधिक स्थान मिले जिसमे भारत में 925 स्थान है और अफगानिस्तान में 2 तथा पाकिस्तान में 475 मिले भारत में सबसे ज्याद गुजरात राज्य से स्थान मिले है कुछ और राज्य जहा से खुदाई में स्थान मिले जैसे की पंजाब ,राजस्थान ,महाराष्ट्र हरियाणा जम्बू कश्मीर उ.प्र. है 

हड़प्पा सभ्यता का नाम सिधु घाटी सभ्यता इसलिए पड़ा क्योकि पाकिस्तान की जीवन रेखा नदी सिन्धु के किनारे सबसे ज्यादा खुदाई करने पर स्थान मिले है ! 

हड़प्पा सभ्यता की खुदाई त्रिभुजाकार में की गयी थी जिसमे आलमगीर , देहामबाद ,बलूचिस्तान प्रमुख है सिन्धु घाटी सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी हडप्पा से प्राप्त सिक्को पर एक सींग वाले श्रंगी पशु के साक्ष्य मिले है हडप्पा नगरो मे जो घार बने थे उनके दरवाजे अंदर की और खुलते थे केबल लोथल ही एक एसी जगह है जहा क्वे दरवाजे सडको के और खुलते थे जहा के लोगो की प्रमुख फसल गेहू और जौ थी और यहाँ मिट्ठा करने के लिए शहद का उपयोग किया जाता था और फलो में तरबूज  खरबूजा तथा खजूर थे यहाँ के लोग शिव की उपासना करते थे और यहाँ के लोग शाकाहारी तथा मासाहारी दोनों थे यह मनोरंजन के लिए  मछली पकड़ना तथा शिकार किया करते थे और यहाँ से सूती वस्त्र के भी साक्ष्य मिले है ! यहाँ पर उच्च वर्ग के लोगो को पुरोहित कहा जाता था ! कपास की खेती विशव में सबसे पहले यही हुई थी इसलिए इसे सिन्डन की सभ्यता भी कहते है !

यहाँ पर लोग सिक्को का चलन नही था वास्तु की अदला-बदली की जाती थी और लोग तंत्र-मंत्र पर विशवास रखते थे 

मोहनजोदड़ो  

इसकी खोज राखलदास बेनर्जी ने की थी  यहाँ पर लोगो के कंकाल मिले थे इसलिए इसे म्रत्तको  का टीला कहा जाता है यह बहुत विकसित शहर था जो प्राकृतिक आपदा के कारण विलुप्त हो गया था   यह अपने विशाल स्नानागार के लिए जाना जाता है स्नानागार बड़े होने के साथ-साथ उनके पानी निकलने की व्यवस्था भी इसकी प्रमुख विशेषता है यहाँ पर बंद  नालिया  पायी गयी  यहाँ से से प्राप्त एक सील पर तीन मुख वाले देवता की मूर्ति मिली है जिसे पशुपति नाथ का नाम दिया गया जिस पर हाथी ,गेंडा चीता भैसा छपे थे ! अनाज रखने के लिए अन्नागार बनाये गए थे जो मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी ईमारत थी 

लोथल 

यह सिन्धु सभ्यता /हडप्पा का बंदरगाह था चावल के साक्ष्य सबसे पहले  यही से मिले है और इसकी प्रमुख विशेषता यह थी की यहाँ पर पाए गए घरो के दरवाजे सडको की ओर खुलते थे और यहाँ से मनके  बनाने के कारखाने मिले है ! अस्थिपंजर ,अग्नि कुंड भी पाए  है 

कालीबंगन 

जुते हुए खेत का प्रमाण यही से प्राप्त हुआ है नक्काशीदार इटो का प्रयोग भी यही हुआ है  और अग्नि कुंड के साक्ष्य भी मिले है घोड़े की अस्थिपंजर मिले है 

रंगपुर 

चावल के साक्ष्य यहाँ से भी मिले है इससे पता चलता है यहाँ पर धन की खेती होती थी !

 

 

दोस्तों सिधु घाटी सभ्यता यानि की हडप्पा सभ्यता से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में दी गयी है इतिहास से जुड़े और तथ्य जानने के लिए हमारे ब्लॉग पर विजिट करते रहिए  !

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