Hacking kya hai ट्रोजन हॉर्स वायरस क्या है ?

Hacking kya hai ट्रोजन हॉर्स वायरस क्या है ?

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नस्कार दोस्तों  आज हम जानने वाले है  कंप्यूटर हैकिंग के बारे में की  Hacking kya hai और  यह किस प्रकार की जाती है  और यह किस तरह से हमारे लिए नुक्सान दायक साबित होती है और हमारा आज का आर्टिकल भी इसी अपर आधारित है की Hacking kya hai ?


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Hacking kya hai और कैसे इससे बचा जा सकता है  आज के युग में हैकिंग बहुत जरूरी है इसके द्वारा हम अपना बहुत कुछ नुक्सान होने से बचा सकते है और हैकिंग कोर्स आज का उभरता हुआ कोर्स हो रहा है हर कोई इसमें रूची दिखा रहा है जिसको हैकिंग का अच्छा ज्ञान होता है उसके लिए जॉब्स भी अच्छी मिलती है और पैकैज  भी  अच्छा मिलता है क्योकि कोई भी बड़ी कंपनी या संस्था जो अपने डाटा को कंप्यूटर नेटवर्क में गोपनीय तरीके से सुरक्षित रखती है तो वह इसके रख रखाव के लिए किसी ऐसे इंजिनियर को रखती है जिसे हैकिंग का अच्छा  ज्ञान हो जो उनके देता को सुरक्षित रख सके और अनाधिकृत एक्सेस को रोक सके यह तो हैकिंग का एक पहलू है अब हम, इसका डार्क पहलू देखते है जिस व्यक्ति को हैकिंग की अच्छी जानकारी होती है और वह अपनी नॉलेज का गलत इस्तेमाल करता है नेटवर्क प्रोग्रामिंग या किसी सॉफ्टवेर की सहायता से किसी अन्य के कंप्यूटर में एक्सेस कर लेता है और उसके डेटा को गलत इस्तेमाल करता है जिसे हम हैकर कहते है !

                  Hacking kya hai 

Contents

 

दोस्तों आपने सायबर अटैक का नाम तो सुना ही होगा आज का युग कंप्यूटर का युग है हर व्यक्ति हर देश अपनी सभी गोपनीय जानकारी या दस्तावेज कंप्यूटर में ही सुरक्षित रखता है और उसे पासवर्ड या किसी सॉफ्टवेर से सुरक्षित करता है ऐसे ही चाहे कोई देश हो या कोई संस्था या व्यक्ति हो सभी अपनी अपनी जानकारी कंप्यूटर में सुरक्षित रखते है अब अगर किसी व्यक्ति कोई किसी अन्य व्यक्ति के दस्तावेज या गोपनीय जानकारी चुरानी है तो उसे उस कंप्यूटर से निकालनी पड़ेगी चूकि वह कंप्यूटर पासवर्ड और सॉफ्टवेयर से लॉक है तो उस कंप्यूटर पर एक्सेस करने के लिए हमें उसके पासवर्ड की जरुरत पड़ती है अब हमारे पास पासवर्ड न होने की स्तिथि में हम अपने सॉफ्टवेयर से नेटवर्किंग के द्वारा उस कंप्यूटर पर एक्सेस पा लेते है इसे हम उस कंप्यूटर को हैक करना कहेगे   यह एक ऐसा हमला होता है जिस को हम शारीरिक तौर पर नहीं लड़ पाते है और इस हमले की कोई जानकारी भी हमारे पास नही होती है की यह कब होने वाला है  जब कोई देश दुसरे देश पर सायबर अटैक करता है तो उस देश की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लेता है  इसको सायबर अटैक कहा जाता है और इस प्रक्रिया को हैकिंग कहा जाता है आज  कल की बिजी लाइफ में हम सब अपना ज्यादातर कार्य इन्टरनेट की सहायता से ही करते है google pay , phone pay, UPI, AMAZON PAY , नेट बैंकिंग ,आदि से ट्रांजेक्शन करते है इन सब का ज्यादा उपयोग होने से HACKING ज्यादा होने लगी है और कई सारे तरीके हैकिंग के हमें देखने व् सुनने को  मिलते है तो आज हम इन हैकिंग किन – किन तरीको से की जाती है 

Hacking kya hai ट्रोजन हॉर्स वायरस क्या है ?

दोस्तों अगर हम Hacking  शब्द की बात करे तो इसका अर्थ होता है  घुसपैठ , इसका मतलब यह है की अनाधिकृत तरीके से किसी कंप्यूटर या किसी नेटवर्क सिस्टम की सुचनाए या डेटा  का प्रयोग करना हैकिंग करना आसान नही होता है इसके लिए नेटवर्क प्रोग्रामिंग का ज्ञान होना आवश्यक है क्योकि हैकिंग नेटवर्क प्रोग्रामिंग द्वारा ही की जाती है नेटवर्क प्रोग्रामिंग के द्वारा हम  किसी अन्य के नेटवर्क सिस्टम में जाकर उस सिस्टम में मौजूद सभी दस्तावेजो और डेटा को अपनी जरूरत अनुसार उपयोग करते है और उस सिस्टम की गोपनीयता को भंग कर   देते है !

MALWARE क्या है ?

यह एक सॉफ्टवेयर ही होता है जो हैकर के द्वारा ही बनाया जाता है जिसे हम MAILCIOUS SOFTWARE  भी कहते है MAILCIOUS सॉफ्टवेयर का मलतब ख़राब सॉफ्टवेयर जो गलत काम के लिए बनाए गये  है  और इसका काम यह होता है किसी के किसी के कंप्यूटर, मोबाइल,लैपटॉप आदि में जाकर उसके डाटा को प्रभावित करना थर्ड  पार्टी को डाटा पहुचाना जिससे हैकर के पास अगर हमारा डेटा पहुच जाएगा तो वह हमारे कंप्यूटर से डेटा को डिलीट करते हमसे हमारा डेटा वापस देने के लिए फिरौती माग सकता है या हमारे डेटा का उपयोग क्राइम के लिए कर सकता है !

 MALWARE  कैसे आते है ?

SPAM मैसेज  के द्वारा 

किसी व्यक्ति को एक ही विषय पर निरंतर अनप्योगी मैसेज SPAM  कहलाता है जब हमारे पास को स्पैम भरा मैसेज आता है तो उसके साथ एक लिंक अटैच होती है जैसे ही हम उस पर click करते है उसके साथ एक फाइल डाउनलोड होने लगती है वह मैलवेयर ही होते है जैसे आपने देखा होगा हमारे ईमेल या मोबाइल फ़ोन पर कुछ ऐसे  मैसेज आते है जिनके साथ एक लिंक अटैच होती है और हम जैसे ही उस लिंक पर click करते है तो हमारा फ़ोन हमें इंडीकेट करता है या उस साईट को चलने नही देता  है  क्योकि वह साईट MALICIOUS WEBSITE होती है !

PANDRIVE  

जब हम कोई एसी PANDRIVE  अपने system में लगाते है जो पहले से वायरस से infacted हो अगर हम उस PANDRIVE  से कुछ कॉपी या पेस्ट करते है तो वायरस हामारे कंप्यूटर सिस्टम में आ जाता है और हमारे कंप्यूटर सिस्टम की सिक्यूरिटी को प्रभावित करता है जिससे और वायरस भी हमारे कंप्यूटर सिस्टम में आ जाते है 

NETWORK के दारा 

जब हमारे सारे कंप्यूटर नेटवर्किंग के द्वारा आपस में जुड़े हुए है तो अक्गर एक कंप्यूटर में वायरस आएगा तो वह हमारे सभी system में ऑटोमेटिक पहुच जाएगा और विंडोज सिक्यूरिटी और हामारे डेटा को प्रभावित करेगा !

MALICIOUS WEBSITE से 

दोस्तों जब हम कोई सॉफ्टवेयर या कोई फाइल डाउनलोड करते है इंटरनेट से तो सभी वेबसाइट पर जाते है यहाँ पर हमें अपनी डाउनलोड के लिए फाइल मिल जाए पर हम उस समय यह भूल जाते है की हम किस वेबसाइट से फाइल डाउनलोड कर रहे है अगर हम किसी ऐसी वेबसाइट से फाइल डाउनलोड कर रहे है जो  MALICIOUS WEBSITE है तो हमारी फाइल तो डाउनलोड होगी नही बल्कि वायरस डाउनलोड हो जाएगा इसलिए हमें डाउनलोडिंग करते समय साबधानी रखनी चाहिए !

           TROJAN HORSE VIRUS

ट्रोजन हॉर्स वायरस – दोस्तों ट्रोजन हॉर्स एक वायरस है जिसे हम वायरस की एक वैरायटी बोल सकते है इसका प्रमुख विंडोज की सिक्यूरिटी को प्रभावित करना है जिससे और अधिक वायरस system में आ सके  और इसे बनाने का जो विचार  ग्रीक  की  एक स्टोरी से लिया गया है  हुआ ऐसा था की जब ग्रीक को जब ट्रॉय शहर पर अटैक करना था तब उसने एक बड़ा -सा लकड़ी का घोडा बनाया और उस घोड़े के अंदर कई सारे सैनिक छिप गए और घोड़े को ट्रॉय शहर लाया गया और वहा पर रख दिया गया पर जब रात हुई तो उस घोड़े से सैनिक निकलकर ट्रॉय शहर के और भी दरवाजे खोल दिए जिससे और सैनिक अंदर आ सके ट्रोजन हॉर्स वायरस इसी टेक्निक पर बनाया गया है !

 

जब हम किसी ऐसी  वेबसाइट पर विजिट करते है जिसमे कई तरह के POP -UP  एड्स आते है जैसे your system might be  infracted, your system processing slow click  hear  इस तरह के कई सारे एड्स आते है और हमें बताते है की यह हमारे फायदे के लिए है अगर हम उस एड्स पर click करके उस सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल कर लेते है  तब यह अपना काम करना शुरू करते है इस टाइप के वायरस हमारी      कंप्यूटर   सिस्टम सिक्यूरिटी को प्रभावित करते है जिससे और अधिक वायरस हामरे कंप्यूटर में आ जाते है और वायरस के कारण  हमारा कंप्यूटर हैकर के हाथ चला जाता है  और हैकर हमारे से जुड़े और कंप्यूटर  और हमारे डेटा को प्रभावित करता है!

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